पीले पत्ते और हमारे बुजुर्ग
पौधों की टहनियों पर लगे पीले पत्ते
मत तोड़ो तुम….!
चंद रोज में….
खुद ब खुद झड़ जाएंगे ।
बैठा करो….,
कुछ तो अपने बुजुर्गों के पास तुम,
एक दिन खुद ही ये चुप हो जाएंगे ।
खर्चने दो…..
उन्हें बेहिसाब तुम यारों !
एक दिन…..,
सब तुम्हारे लिए छोड़ जाएंगे ।
मत टोको, मत रोको उनको बार बार
बात दुहराने पर…..,
एक दिन हमेशा के लिए वे ख़ामोश हो जायेंगे ।
इनका आशीर्वाद सर पर ले लिया करो तुम ,
वर्ना फ़िर ये तस्वीरों में ही नज़र आयेंगे ।
खिला दो उनको कुछ उनकी ही पसंद का…. ,
वरना फिर श्राद्ध में भी देखना वे खाने नहीं आयेंगे ।
पौधों की टहनियों पर लगे पीले पत्ते…
मत तोड़ो तुम…..।
चंद रोज में…. |
खुद ब खुद झड़ जायेंगे l
*संकलनकर्ता:*
*देवशरण नगवंशी*
(*भोजु नागवंशी*)
लेखराम किराना एवं जनरल
स्टोर्स ग्राम – जेवरा
तह०व जिला दुर्ग छत्तीसगढ़
मो० 93012 48108
वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम

