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एक जून से “विश्व पर्यावरण दिवस” पांच जून तक चलेगी पदयात्रा – नदी जल का उद्योगों द्वारा भयावह औद्योगिक दोहन और प्रदूषण होंगे मुख्य मुद्दे……….डां.अजय यादव।

सी .जी.प्रतिमान न्यूज

छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना निकालेगी खारुन आजादी पदयात्रा एक जून से विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून तक चलेगी पदयात्रा ,सो‌मनाथ संगम घाट लखना से लेकर महादेव घाट रायपुर तक होगी पदयात्रा, नदी जल का उद्योगों द्वारा भयावह औद्योगिक दोहन और प्रदूषण होंगे मुख्य मुद्दे….

रायपुर 31 मई / खारुन के किनारों पर स्थित तरीघाट, कौही, ठकुराइन टोला जैसे पुरातात्विक स्थलों की खोदाई से हमें पता चलता है कि खारुन नदी का सदियों पुराना स्वर्णिम इतिहास है । संसार की सारी सभ्यताएं नदियों के किनारों पर ही विकसित हुईं हैं । हमारे पूर्वज भी खारुन नदी घाटी की सभ्यता के संतान हैं । नदी की लाई मिट्टी से ही छत्तीसगढ़ियों के उपजाऊ खेत बने और उसी के जल से सिंचित होते रहे ।

आज एक बार उसी खारुन के पानी को हाथ लगाकर देखिये तो गटर के पानी और उसमें कोई अंतर नहींं है ।
बीस पच्चीस साल पहले तटवर्ती नागरिक नदी के बहते पानी को पेयजल के रुप में उपयोग करते थे आज आप उद्योगों के बेहिसाब दोहन के बाद मरती हुई खारुन के जल को छू भी नहींं पाएंगे । औद्योगिक एवं शहरी अपशिष्ट से भरा नदी का जल बदबूदार और जहरीला हो चुका है ।


आज हम अगर वैश्विक पर्यावरण की बड़ी-बड़ी बाते करेंगे और अपने पड़ोस की ऐतिहासिक जीवनदायिनी नदी को मरते हुए देखते रहेंगे, बचाने का प्रयास नहींं करेंगे तो इससे बड़ा कोई गुनाह हमारी पीढ़ी के लिये नहींं होगा । छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अजय यादव ने प्रदेश वासियों से पदयात्रा में शामिल होने का आह्वान करते हुए बताया कि खारुन नदी की लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है । नदी क्षेत्र के ही निवासी और संगठन के वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता गिरधर साहू ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि नदी के पानी में पहला हक क्षेत्रीय किसानों और ग्रामवासियों का है । कारखाना वालों के नदी की छाती में हजारों फुट गहराई में विशालकाय पंप लगाकर पानी खींचने से निकटस्थ जिलों का भूजल स्तर बुरी तरह से नीचे जा चुका है । नदी में निस्तारी लायक भी पानी नहींं बचता । सुंगेरा गांव और आसपास के ग्रामीण क्रान्ति सेना के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों से लगातार संघर्षरत हैं ।


पदयात्रा की रुपरेखा एवं उद्देश्य स्पष्ट करते हुए पदाधिकारियों ने बताया कि यात्रा सोमनाथ संगम से रविवार 01 जून को निकलेगी एवं नदी के किनारे-किनारे बढ़ते हुए निकटस्थ गांवों मे पर्यावरण जागरुकता नुक्कड़ सभाएं करते हुए पांचवें दिन महादेव घाट रायपुर में हटकेश्वर महादेव में जलार्पण करते हुए गुरुवार 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ही सभा में परिवर्तित हो जाएगी ।

वर्तमान आत्मघाती भाजपा सरकार को यात्रा के माध्यम से चेतावनी दी जाएगी कि अपनी नीतियों में परिवर्तन करें, जलस्रोतों को सुरक्षित रखें । उद्योगों को विधिसम्मत पानी देने का विरोध नहींं है लेकिन यह ध्यान रहे कि खारुन नदी भी जिंदा रहे और खारुन दाई की संतानो को भी जीवित रहने दें अन्यथा भविष्य में उग्र लोकतांत्रिक विरोध का सामना करने तैयार रहें ।

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