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जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक शुक्रवार को सम्पन्न। शहरी क्षेत्रों में नहरों को सुरक्षित रखने, नहर से अतिक्रमण हटाने अभियान चलाने के दिये निर्देश । नगरीय निकाय एवं जल संसाधन विभाग और सभी विभागों के सहयोग से शहर के नहरों की जांच हेतु जांच टीम गठित करने का भी लिए निर्णय।

शहरी क्षेत्रों के सिंचाई नहर को अतिक्रमण से किया जाएगा मुक्त

-जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक सम्पन्न

     दुर्ग।  जिला कार्यालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सांसद  विजय बघेल, अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक ललित चंद्राकर और दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव भी सम्मिलित हुए।

बैठक में समिति द्वारा तांदुला जल संसाधन संभाग दुर्ग अंतर्गत वृहद एवं मध्यम जलाशयों में जलभराव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसानों के मांग की अनुरूप खरीफ फसलों की सिंचाई हेतु बांधों से पानी दिए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही खरीफ फसलों की सिंचाई हेतु बांधों से छोड़े गए पानी व्यर्थ ना बहे तथा सिंचाई पानी टेल एरिया तक पहुंचे इस हेतु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को नहरों की मरम्मत आदि पर विशेष ध्यान देने कहा गया।

इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में नहरों को सुरक्षित रखने, नहर से अतिक्रमण हटाने अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। नगरीय निकाय एवं जल संसाधन विभाग और सभी विभागों के सहयोग से शहर के नहरों की जांच हेतु जांच टीम गठित करने का भी निर्णय लिया गया।

कलेक्टर सुश्री चौधरी ने तांदुला जल संसाधन संभाग अंतर्गत गोंदली एवं खपरी जलाशय में पानी की भराव क्षमता बढ़ाने हेतु कैचमेंट एरिया में मनरेगा के तहत गहरीकरण कार्य, डेम सेफ्टी योजना अंतर्गत जलाशय सुधार एवं बाढ़ आपदा प्रबंधन के तहत प्रस्ताव प्रेषित करने कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया। विधायक ललित चंद्राकर ने जलाशय सुधार एवं नहर मरम्मत के कार्य ग्रीष्म ऋतु में पूर्ण करा लिए जाने के सुझाव दिए। इसी प्रकार विधायक गजेन्द्र यादव ने ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल ग्रहण क्षमता बढ़ाने नदी नालों के किनारे छोटे-छोटे सोख्ता टैंक बनाए जाने पर जोर दिया।

 
      कार्यपालन अभियंता  एसके पाण्डेय ने अवगत कराया कि संभाग अंतर्गत वृहद एवं मध्यम जलाशयों में क्रमशः तांदुला में 90.53 प्रतिशत, खरखरा में 100 प्रतिशत, गोंदली में 49.79 प्रतिशत, गंगरेल में 88.44 प्रतिशत तथा खपरी जलाशय में 81.75 प्रतिशत जलभराव हुई है। इसी प्रकार 111 लघु जलाशयों में 76 प्रतिशत जलभराव है। जिसमें विधानसभा दुर्ग अंतर्गत 18 लघु जलाशयों में 76 प्रतिशत जलभराव है। विधानसभा पाटन अंतर्गत 20 जलाशयों में 97 प्रतिशत जलभराव है। विधानसभा अहिवारा अंतर्गत 13  जलाशयों में 90 प्रतिशत जलभराव है। विधानसभा साजा (धमधा) अंतर्गत 36 जलाशयों में 59 प्रतिशत जलभराव तथा विधानसभा बेमेतरा अंतर्गत 24 लघु जलाशयों में 65 प्रतिशत जलभराव है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 2023-24 में जलाशयों द्वारा 72247 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की सिंचाई की गई थी। वर्ष 2024-25 में 90795 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की सिंचाई प्रस्तावित है। कार्यपालन अभियंता श्री पाण्डेय ने समिति को 1074.58 करोड़ की लागत से प्रस्तावित महानदी-तांदुला लिंक परियोजना के संबंध में भी अवगत कराया। बैठक में उपसंचालक कृषि  एलएम भगत, उपसंचालक उद्यानिकी श्रीमती पूजा कश्यप साहू एवं जलसंसाधन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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