
किसान न्याय योजना में बकाया आदान राशि और कृषक उन्नति योजना के संबंध में पत्रों पर 120 दिनों में निर्णय लें
किसान नेता राजकुमार गुप्त की याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिया निर्देश
दुर्ग /छत्तीसगढ़ के पूर्व की बघेल सरकार ने राजीव गांधी किसान योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 9 हजार रुपए आदान राशि प्रदान करने का निर्णय लिया था पूर्व की सरकार ने खरीफ वर्ष 2022-23 के लिए तीन किश्तों में आदान राशि का भुगतान कर दिया था इसके पहले कि किसानों को 4 थी किश्त की राशि मिले इसी बीच राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया वर्तमान सरकार ने चौथे किश्त की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है वर्तमान सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना को समाप्त करने की अधिकृत रूप से घोषणा नहीं किया है अर्थात योजना वर्तमान में भी चालू और प्रभावशील है किंतु वर्तमान सरकार ने खरीफ वर्ष 2023-24 के लिए आदान राशि की एक भी किश्त का भुगतान किसानों को नहीं किया है ।

वर्तमान सरकार ने कृषक उन्नति योजना के नाम से योजना लागू किया है जिसके अनुसार सरकार को धान बेचने वाले किसानों को प्रति क्विंटल 3100/- की दर से भुगतान करने का निर्णय लिया है सरकार को धान न बेचने वाले और अन्य उपज लेने वाले किसानों को योजना के लाभ से वंचित रखा गया है।

इस योजना को किसानों में भेद-भाव करने वाली योजना निरूपित करते हुए छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गुप्त ने 4 मार्च 2024 को और बाद में 12 अगस्त 24 को राज्य सरकार के कृषि सचिव, मुख्य सचिव, कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किसानों में भेद-भाव करने वाले कृषक उन्नति योजना पर विचार करके सभी किसानों को आदान राशि प्रदान करने और राजीव गांधी किसान न्याय योजना में बकाया आदान राशि का भुगतान करने का निवेदन किया था। किंतु राज्य सरकार ने दोनों पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं किया इस पर राजकुमार गुप्त ने अधिवक्ता अश्विन पणिकर और शाल्विक तिवारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके आवेदक के पत्रों पर कार्यवाही करने के लिए शासन को निर्देश देने का निवेदन किया था
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के एकल पीठ जस्टिस राजपूत के कोर्ट ने आज याचिका क्रमांक WPC/5294/24 का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को 30 दिन में शासन को पुनः रिप्रेजेंटेशन करने और राज्य शासन को 120 दिन के अंदर उसका निराकरण करने का निर्देश दिया है।

