
सी0जी0न्यूज:
-दुर्ग ब्लॉक के सबसे कम उम्र के सरपंच
दुर्ग। अंडा ग्राम पंचायत में छह प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें सबसे कम उम्र के दिग्विजय सिन्हा ही थे। पंचायत में कुल 2948 मतपत्र पड़े। इनमें 994 मत दिग्विजय को मिले। मालूम हो कि 17 फरवरी को सरपंच पद के लिए मतदान था चुनाव अधिकारियों के मुताबिक जब देर शाम पंचायत के लिए मतगणना पूरी हुई तो दिग्विजय 317 मतों से विजयी हुए। दिग्विजय ने सभी गांव वालों का आभार जताते हुए विजय रैली निकाल कर कहा आप सबने अपना बेटा समझकर मुझे आशीर्वाद दिया में अपने जीवन भर आप सभी का सदैव ऋणी रहूँगा । उन्होंने गांववालों से पंचायत के सभी लोगों तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचने व गांव का विकास करने की बात कही। साथ ही सभी के सुख दुख में हमेशा आप के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। दिग्विजय के घर देर रात से ही जश्न का माहौल है। रैली में डीजे साउंड के साथ सैकड़ो की संख्या में आभार व्यक्त किया।
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दिग्विजय सिन्हा कुछ सालों सें लगातार इस क्षेत्र में सक्रिय रहे और उन्होंने अपने युवा टीम बनाकर गांव में एक अलग ही पहचान बनाया था जिनका नतीजा उन्हें सरपंच पद मिला। उन्होंने ने नवरात्रि में ग्राम अंडा में चुनरी यात्रा प्रतिवर्ष उनके ही नेतृत्व में निकाली जाती रही है इनके साथ साथ अलग अलग आयोजनों के माध्यम सें लोगों के बीच रहकर अपनी अलग पहचान बनाई।
दिग्विजय का कहना है कि 30 साल बाद उनकी पंचायत सरपंच पद के लिए अनारक्षित हुई है। इसीलिए गांव के सभी युवाओं से चर्चा कर उन्होंने पंचायत का चुनाव लड़ा। गांव के युवाओं का मुझे पुरा सहयोग मिला उनके माता भी पूर्व में वार्ड की पंच रह चुकी है भी इसका लाभ उन्हें मिला।

-अपने गांव को जिले का मॉडल गांव बनाऊंगा..
दिग्विजय सिन्हा का कहना है कि उनका सपना है कि वह गांव का विकास करवाकर गांव की तश्वीर बदलें। जो काम आजतक गांव में कभी नहीं हुए उन्हें प्राथमिकता के तौर पर पूरा किया जाएगा। इसके अलावा गांवासियों की जो भी समस्याएं हैं उन्हें जल्द हल किया जाएगा। दिग्विजय सिन्हा ने कहा कि मुझे मेरे गांव के सभी मतदाताओ ने मुझे सरपंच बनाया है। इसलिए मेरी कोशिश रहेगी कि अपने गांव को जिले का मॉडल गांव बनाया जाए।
–पिता बोले-गांव वालों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा बेटा..
वहीं दिग्विजय के पिता ने बताया कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है। हम गांव के लोगों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने बेटे पर विश्वास कर उसे गांव का सरपंच बनाया है। मुझे पूरा विश्वास है कि जिस सोच के साथ गांव के लोगों ने दिग्विजय को ये जिम्मेदारी दी है उसमें वह पूरी तरह खरा उतरेगा और गांव के विकास में किसी तरह कि कोई कमी नहीं रहेगी।

