रायपुर 3 जून /! छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है। राज्य शासन के दिशा-निर्देश पर 6 जिलों – कोरबा, सुकमा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार और सूरजपुर में अतिशेष 1498 सहायक शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब तक 1500 से ज्यादा शिक्षकों को नई पदस्थापना दे दी गई है। यह पूरी प्रक्रिया शिक्षकों की वरिष्ठता के आधार पर की गई।

बाकी जिलों – मुंगेली, राजनांदगांव, बालोद और दुर्ग में काउंसलिंग प्रक्रिया जारी है। शिक्षकों ने अपनी पसंद के स्कूलों का चयन रिक्त पदों के आधार पर किया।
स्कूलों का समायोजन –
छत्तीसगढ़ के 10,463 स्कूलों में से 166 स्कूलों का समायोजन किया जाएगा। इनमें ग्रामीण इलाके के 133 स्कूल ऐसे हैं, जहां 10 से कम छात्र पढ़ते हैं और 1 किलोमीटर के अंदर दूसरा स्कूल है। वहीं, शहरी क्षेत्र के 33 स्कूलों में 30 से कम छात्र हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल संचालित है।

सरकार की मंशा –
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि समायोजन का मकसद बच्चों को बेहतर शिक्षा, योग्य शिक्षक और बेहतर सुविधाएं देना है। स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर जैसे संसाधन उपलब्ध होंगे। छोटे स्कूलों के बच्चों को अब बड़े स्कूलों में पढ़ाई का मौका मिलेगा।
शिक्षकों की कमी होगी दूर –
छत्तीसगढ़ सरकार का मानना है कि ये कदम सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में बड़ा फैसला है। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी, वहां अब पर्याप्त शिक्षक मिलेंगे। इससे पढ़ाई पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी प्रभावित –
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने कहा है कि समायोजन के बाद भी बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। 10,297 स्कूल पहले की तरह चलते रहेंगे। स्कूल भवनों का उपयोग भी पहले की तरह ही होगा, जरूरत के हिसाब से शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।
