
गीत
शीर्षक – ” चल संगी हरेली मनाँबो “
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चल संगी हरेली मनाँबो
चल संगी हरेली मनाँबो
अपन संस्कृति ल सिरजाबो
सिरजाबो “””””””””””””””””””””
चल संगी हरेली मनाँबो
होवत बिहिनियाँ इसनान कर के
ठाकुर देवा ल मनाँबो
नाँगर गैंती रापा ल धो के
गाय बईला ल सजाबो
हूम धूप दे के करबो आरती
गुड़ के चीला चढ़हाबो
चढ़हाबो “””””””””””””””””””””
चल संगी हरेली मनाँबो
गहिरा के संग घर घर जा के
नीम के डारा लगाबो
लोहार बबा संग गाँव म घुम के
दुवारी म खीला गड़ाबो
भूत परेत अऊ बिमारी ले
जम्माँ गाँव ल बचाबो
बचाबो “””””””””””””””””””””
चल संगी हरेली मनाँबो
चल संगी हरेली मनाँबो
बाँस के गेड़ी बनाँ के संगी
गली गली रचरचाबो
दईहान जाबो खेलबो कूदबो
नरियर के बाजी लगाबो
बंजर भुईयाँ म पेड़ लगा के
धरती दाई ल हरियाबो
हरियाबो “””””””””””””””””””””””
चल संगी हरेली मनाँबो
चल संगी हरेली मनाँबो
अपन संस्कृति ल सिरजाबो
अपन संस्कृति ल सिरजाबो
सिरजाबो “”””””””””””””””””””
चल संगी हरेली मनाँबो
रचनाकार
इस्माइल आजाद जामुल
भिलाई ,जिला दुर्ग (छ0ग0)

