दुर्ग /शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने कला, संस्कृति व आध्यात्म के संर्वधन व स्मरण करने सावन माह में कार्यक्रम “आया सावन झूम के”..भाग 03 का आयोजन संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन “आस” के सयोजन कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान की उपस्थिति व टीकाराम सारथी “हसमुख” प्राचार्य चुरतेली के अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना हेमा चन्द्रवंशी व राजगीत कामती ठाकुर ने प्रस्तुत कर किया।
सर्वप्रथम संस्थापक व संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन “आस” ने कार्यक्रम में प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सावन के रिमझिम बारिस में सभी शिक्षक झूम उठे है यही तो हमारे कार्यक्रम का सच्चाई है कि शिक्षक अपनी प्रतिभा को पहचान दे रहे है।
इसी कड़ी में महासचिव डाॅ.बोधीराम साहू, कोषाध्यक्ष महेत्तर लाल देवांगन, संगठन मंत्री राधेश्याम कंवर,संयुक्त सचिव पुष्पाजंलि ठाकुर, कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान ने भी अपने उदबोधन में शिकसा के बढ़ते पहचान का जिक्र किया कहा कि छ.ग. में शिक्षक के बीच अलग पहचान बनाने वाला यह प्रथम मंच है। कार्यक्रम के अध्यक्ष टीकाराम सारथी”हसमुख” ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा शिकसा एक परिवार है जिसमें हर पर्व व अवसर मिलकर मनाते है ।
कार्यक्रम में प्रेक्षा साहू, रेखा पात्रे, शिवकुमार अंगारे, श्रुति कोरी, मंजूलता मेरसा “कृष्णा मानसी”, दिनेश कुमार दुबे, अनिता श्रीवास, तारा बन्छोर, गीता उपाध्याय, सारिका गुप्ता, कविता श्रीवास, श्रीजल श्रीवास, शकुन्तला सहंश, अर्चना ढोबले, चन्द्र कुमार चन्द्रा, ओ.पी. कौशिक “रतनपुरिहा” प्रधान पाठक, हेमराज निषाद, मोहित कुमार शर्मा, दिलीप श्रीवास, सुनीता चौधरी, हरमन कुमार बघेल, पुष्पांजलि ठाकुर, सविता जायसवाल आदि ने गीत प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का सफल संचालन रामकुमार पटेल व आभार प्रदर्शन डाॅ.शिवनारायण देवांगन”आस” ने किया।
