रायपुर 1 मई / राज्य सरकार के शिक्षा महकमे ने हिंदी – इंग्लिश का काकटेल बनाते हुए बुधवार को कक्षा आठवीं और पाँचवी के परीक्षा परिणाम जारी कर दिए। विभाग ने अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने और परीक्षा देने वाले बच्चों को ऐसी अंक सूची थमा दी, जिसे वह स्वयं नहीं पढ़ पा रहे थे। अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को हिन्दी की अंक सूची देने के अदूरदर्शी निर्णय को लेकर पालकों में काफ़ी तीखी प्रतिक्रिया देखने मिली।
गौरतलब है, लंबे समय बाद कक्षा पाँचवी और आठवीं की बोर्ड के पैटर्न पर परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा मे हिंदी माध्यम स्कूलों के अलावा पीएम श्री आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम और सरकारी सीबीएसई स्कूलों के विद्यार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद पूर्व घोषित तिथि के अनुसार बुधवार को सभी स्कूलों मे नतीजे जारी किए गए।

केंद्रीयकृत परीक्षा के कारण दिक्कत
शिक्षा विभाग द्वारा तर्क यह दिया जा रहा है कि इस बार पांचवी और आठवीं की केन्द्रीकृत परीक्षा हुई है इसलिए सभी को एक जैसी अंकसूची दी गई है किन्तु अंकसूची को देखने से कहीं से इस बात एहसास नहीं हो रहा है कि वह अंग्रेजी माध्यम की है। पता चला है कि बीते शिक्षा सत्र में सीबीएसई स्कूलों में हिन्दी की अंकसूची दी गई थी, जिसे बाद अंग्रेजी में बदलकर दिया गया।

कई जिलों में वितरण नहीं
करीब 14 साल बाद हुई पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं की अंकसूची का वितरण राज्य के कई आत्मानंद स्कूलों में नहीं किया गया। बताया जाता है कि कुछ जिलों में शिक्षा अधिकारियों ने हिन्दी माध्यम की स्कूलों के लिए तैयार की गई हिन्दी की अंकसूची में नंबर डालकर उन्हें पालकों को थमा दिया है।
हिंदी में अंक सूची
जानकारी के अनुसार, पीएमश्री आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय सहित सरकारी सीबीएसई स्कूलों में साल भर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को हिंदी में प्रिंट अंकसूची थमा दी गई। अंकसूची में अंग्रेजी माध्यम स्कूल का उल्लेख जरूर है किन्तु अन्य सभी जानकारी हिन्दी में है। अंकसूची लेने के बाद बच्चे उल्लेखित जानकारी को ठीक से पढ़ नहीं पा रहे थे। शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने सभी जानकारी अंग्रेजी में मुहैया कराई थी, किन्तु हिन्दी में अंकसूची बनाई गई। अंकसूची में नाम, जन्मतिथि सहित प्राप्तांक आदि की खामियां देखने मिल रही हैं।
